IBN24 Desk : महासमुंद [छत्तीसगढ़] महासमुंद जिले के सांकरा ब्रांच के सहकारी समिति परसवानी मे 1 करोड़ के लगभग 4000 क्विंटल धान की बोगस खरीदी का मामला सामने आया था। धान खरीदी केंद्र परसवानी में धान खरीदी वर्ष 2021-22 में 14 करोड़ 59 लाख 72 हजार 500 रुपये का कुल 58389 क्विंटल धान की खरीदी करना बताया गया था जिसमें से दिनांक 14 मार्च 2022 तक टी.ओ. के माध्यम से 23780 क्विंटल धान का खरीदी केंद्र से उठाव हुआ। मिलर्स को 34609 क्विंटल का डी.ओ. जारी हुआ जिसमें से 29819 क्विटल धान का ही उठाव हुआ बाकी बचे 4790 क्विंटल धान का उठाव इसलिए नही हुआ क्योंकि धान खरीदी केंद्र परसवानी में 4790 क्विंटल यानी 11975 कट्टा (बोरी) धान नही था । वहा सिर्फ लगभग 2000 कट्टे [बोरी ] यानी 800 क्विंटल धान था ! मीडिया मे खबर आने के बाद आनन फानन मे 15 मार्च से 17 मार्च के बीच परसवानी धान खरीदी केंद्र से कई ट्रको के माध्यम से मनीष एसोसिएट्स बागबाहरा, A. S. राईस और श्री बालाजी इन्डस्ट्री झलप में 2040 क्विंटल धान जाना बताया गया जबकि मीडिया की टीम 12 मार्च को इस खबर की पड़ताल करने धान खरीदी केंद्र परसवानी पहुची थी तब मौके पर लगभग 800 क्विंटल धान ही बचा था। जिसकी वीडियोग्राफी भी की गई है और वीडियोग्राफी को सुरक्षित रखा गया है। अब सवाल उठता है कि धान खरीदी केंद्र में उतना धान था नही है तो राईस मील में धान कहा से पहुच गया।

01 करोड़ के बोगस धान खरीदी मामले मे कार्यवाही से बचाने के लिए और धान को को मैनेज करने के बोगस धान का परिवहन दिखाया गया जिसमे राईस मीलो की भी अहम भूमिका है जिन्होने बिना धान प्राप्त किए ही धान प्राप्त होना बता दिया अब इसके पीछे राईस मिलरो और परसवानी धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियो से क्या सेटिंग है वही जाने। नाम नहीं छापने के शर्त पर सहकारिता विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि राईस मिलरो से 1700 प्रतिक्विंटल के हिसाब से सेटिंग हुआ है जिसमे 1700 प्रतिक्विंटल के हिसाब से राईस मिलरो को पैसे देंगे या रवि फसल का धान मिलरो को देंगे।

इस पूरे मामले मे 15 मार्च को ही महासमुंद कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिये थे लेकिन जांच अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा करने वाले कर्मचारियो को बचाने के लिए ऐसा जांच रिपोर्ट बनाया कि ताकि फर्जीवाड़ा करने वालों को बचाया जा सके। इस जांच रिपोर्ट कुल कितना क्विंटल धान खरीदी हुया और खरीदी गए धान संग्रहण केंद्र और राईस मिलो मे जाना बताकर फर्जीवाड़ा करने वालों को क्लीनचीट देने का भरसक प्रयास किया गया ! जांच अधिकारियों से पूछा गया कि जब मौके पर धान था ही नहीं तो राईस मीलो मे धान कैसे पहुच गया तो जांच टीम के अधिकारी एक दूसरे विभाग के ऊपर जांच मे सहयोग नहीं करने का ठीकरा फोड़ने लगे, सहकारिता विभाग के अधिकारी कहते है कि खाद्य विभाग के अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे है खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सहकारिता विभाग वाले सही दिशा मे जांच नहीं कर रहे है !
मामले में कलेक्टर से फिर से शिकायत के बाद कई बिंदुओं पर दोबारा जांच के आदेश कलेक्टर ने दिए थे लेकिन आज तक उन बिंदुओं के आधार पर जांच ही नही की गई और फर्जीवाड़ा करने वालो को बचाने का प्रयास किया गया और अभी भी किया जा रहा है।

धान खरीदी वर्ष 2022-23 में 1 नवंबर से धान की खरीदी की शुरुआत होना है लेकिन 2021-22 में हुए जिले के 1 करोड़ के 4000 क्विंटल बोगस खरीदी और बोगस परिवहन मामले में शिकायत के बाद कार्यवाही न होना इस बात की ओर इंगित करता है जांच अधिकारी उन्हें संरक्षण दे रहे है।