IBN24 Desk : महासमुन्द (छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानो से धान खरीदी वर्ष 2024-25 के लिए 14 नवम्बर 2024 से 31 जनवरी 2025 का समय निर्धारित किया था। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए महासमुंद जिले में 182 धान उपार्जन केंद्र बनाये गए थे। जिसमे जिले के पंजीकृत किसानो के धान का विक्रय किया। महासमुंद जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में धान की बोगस [ फर्जी ] खरीदी की गयी बिना धान लाये ही ऑनलाइन खरीदी दिखाकर शासन से मिलने वाली राशि का आहरण कर लिया गया। लेकिन धान खरीदी फर्जी होने के वजह से कई खरीदी केन्द्रो में 5000 – से 6000 क्विंटल तक धान मौके पर कम पाया गया। जहाँ बड़ी मात्रा में गड़बड़ी पायी गयी वहाँ FIR दौर शुरू हुआ और कई जगह FIR भी हुआ।

लेकिन कुछ समिति प्रभारी और सहकारी बैंक के मैनेजर सांठगांठ कर फर्जी खरीदी में हुए धान की कमी को पूरा करने के लिए समिति के विकास के लिए आये कमीशन की राशि से लाखो रुपये को अवैध तरीके से निकाल कर धान की कमी को पूरा करने में लगे हुए है। सबसे ज्यादा ये खेल तोरेसिंहा ब्रांच के अंतर्गत आने वाले समितियों में चल रहा है। तोरेसिंहा ब्रांच के अंतर्गत 11 समिति आता है। फर्जी धान खरीदी से आये शॉर्टेज के लिए समिति प्रभारियों और बैंक मैनेजर मिलकर समिति में विकास के लिए आने वाले धान कमीशन की राशि, ब्याज अनुदान की राशि, जो कर्मचारियों के तन्खवा और समिति के विकास के लिए होती है उक्त समस्त राशि समिति की होती है और समिति किसानों की होती है। उस राशि को अवैध तरीके से निकाल रहे है और इसी राशि का उपयोग धान बोगस खरीदी में हुए कमी को पूरा करने में कर रहे है। धान खरीदी 31 जनवरी 2025 से बंद है।
एक समिति के धान खरीदी प्रभारी ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस राशि के आहरण में तोरेसिंहा के ब्रांच मैनेजर युवराज नायक अहम् भूमिका है। ब्रांच मैनेजर तोरेसिंहा प्रति एक लाख में 10 हजार रुपये कमीशन लेते है उसके बाद इस राशि को भूसे के फर्जी बिल, तिरपाल के फर्जी बिल, धान स्टैकिंग के फर्जी बिल, सहित कई काम के फर्जी बिल लगाकर पैसा निकाला जाता है। इस मामले में तोरेसिंहा के ब्रांच मैनेजर युवराज नायक का पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने फ़ोन रिसीव नहीं किया। इससे भी साफ जाहिर हो रहा है कि इस मामले में गड़बड़झाला तो है।
धान खरीदी वर्ष 2023 – 24 की धान खरीदी के कमीशन के रूप में तोरेसिंहा ब्रांच के 11 समितियों के लिए लगभग एक करोड़ से डेढ़ करोड़ की राशि आयी है। एक समिति में 10 से 17 लाख तक कमीशन की राशि आयी है इस राशि का बंदरबाट चल रहा है और इसी राशि से फर्जी धान खरीदी में हुये कमी की पूर्ति किया जा रहा है।

इस पुरे मामले में महासमुंद के कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह से बात की गयी तो उन्होने कहा कि समिति को मिले कमीशन के पैसा समिति विकास के लिए होता है उसका दूसरे काम में उपयोग करना गलत है अगर ऐसा हो रहा है तो कार्यवाही की जाएगी।