
IBN24 Desk: महासमुंद (छत्तीसगढ़) महासमुंद जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान ख़रीदी के लिए 152 धान ख़रीदी केंद्र बनाये गए थे। जिसमें 01 दिसम्बर 2021 से 07 फरवरी 2022 तक धान की खरीदी की गई। जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में धान की बोगस खरीदी की गई है, ताजा मामला महासमुंद जिले के सांकरा ब्रांच के सहकारी समिति परसवानी का है जहां 1 करोड़ के लगभग 4000 क्विंटल धान की बोगस खरीदी का मामला सामने आया है। धान खरीदी केंद्र परसवानी में धान खरीदी वर्ष 2021-22 में 14 करोड़ 59 लाख 72 हजार 500 रुपये का कुल 58389 क्विंटल धान की खरीदी करना बताया गया है जिसमें से दिनांक 14 मार्च 2022 तक टी.ओ. के माध्यम से 23780 क्विंटल धान का खरीदी केंद्र से उठाव हुआ। मिलर्स को 34609 क्विंटल का डी.ओ. जारी हुआ जिसमें से 29819 क्विटल धान का ही उठाव हुआ बाकी बचे 4790 क्विंटल धान का उठाव इसलिए नही हुआ क्योंकि धान खरीदी केंद्र परसवानी में 4790 क्विंटल यानी 11975 कट्टा (बोरी) धान नही है। वहा सिर्फ लगभग 2000 कट्टे [बोरी ] यानी 800 क्विंटल धान है जबकि आज भी परसवानी धान खरीदी केंद्र में आन लाइन देखने पर 4790 क्विंटल, यानी 11975 कट्टा(बोरी) धान होना बता रहा है ! इस तरह प्रति क्विंटल 2500 की दर से 4000 क्विंटल धान 1 करोड़ रुपये होता है और परसवानी धान खरीदी केंद्र में 4000 क्विंटल धान मौके पर नही है यानी 1 करोड़ का घोटाला साफ तौर पर दिख रहा है।


धान खरीदी में हुए गड़बड़ी की पड़ताल में जब मीडिया की टीम ख़रीदी केंद्र पहुची थी तब धान ख़रीदी केंद्र में समिति के कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी नही मिले, प्रबंधक से लेकर आपरेटर, लिपिक सभी मौके से नदारत थे।

धान ख़रीदी में हुए गड़बड़ी को लेकर स्थानीय लोगो का कहना है कि किसानों के नाम पर बिना धान लाये बोगस धान खरीदी किया गया है इस वजह से करोड़ो का धान शार्टेज हुआ है।

विश्वस्त सूत्रों से खबर ये भी मिल रहा है कि चुपके चुपके मार्केट से पुराने, खराब धान को भरकर कमी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है और इस काम मे पिथौरा ब्लाक के जांच से संबंधित अधिकारियों का भी सहयोग मिल रहा है। धान की कमी के मामले में परसवानी के धान खरीदी प्रभारी सुनील प्रधान से उनका पक्ष जानने का प्रयास फोन से किया गया तो सुनील प्रधान ने कार्यस्थल से दूर रायपुर में होने की बात कही और मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे। इस फर्जीवाड़े के मामले को गंभीरता से लेते हुए महासमुंद कलेक्टर श्री निलेश कुमार क्षीरसागर ने कहा कि बड़े पैमाने पर धान की कमी की शिकायत मिली है जांच के निर्देश दिए गए है! धान गबन के मामले कड़ी कार्यवाही की जाएगी,एफ.आई.आर.किया जायेगा,420 का मामला दर्ज किया जाएगा उस समिति के संचालक मंडल को भंग किया जाएगा।

जिला प्रशासन और विपणन विभाग के धान उठाव में इस बार चुस्त दुरुस्त व्यवस्था ने बिगाड़ा फर्जीवाड़ा करने वालो धान खरीदी प्रभारियों का खेल।
जिले के कई धान ख़रीदी में फर्जीवाड़ा में माहिर ख़रीदी प्रभारी पहले से ही तय कर लेते है कि उन्हें समर्थन मूल्य पर कितना बोगस धान ख़रीदी करना है। समझिए कैसे होता है खेल, मान लीजिये 2000 क्विंटल धान अपने रिश्तेदार किसान या परिचित किसान के नाम पर बोगस ख़रीदी कर 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य में 50 लाख रुपये ले लिया जाता है । इस बार से पहले ख़रीदी केंद्रों से धान का उठाव जून माह तक होता था इस दौरान्त फर्जीवाड़ा में माहिर ख़रीदी प्रभारी, रबी फसल के धान को मार्केट से 2000 क्विंटल धान 1500 प्रति क्विंटल के हिसाब 30 लाख में खरीदी कर बाहर से ही डी.ओ.के बदले राइस मिलर को दे देते है और सरकार के आंख में धुलझोककर 20 लाख रुपये का अपने जेब मे डाल लेते थे लेकिन इस बार जिला प्रशासन और विपणन विभाग ने धान का समय मे उठाव कर ऐसे धान खरीदी प्रभारियों के मंसूबे में पानीफेर दिया है। इस बार जिले में ऐसे कई धान घोटाले सामने आएंगे। जिस पर कड़ी कार्यवाही भी इस बार होने की उम्मीद है।
सुनिए इस फर्जीवाड़े मामले में महासमुंद कलेक्टर साहब ने क्या कहा है