Thursday, October 9, 2025
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महासमुन्द जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में चल रहा है, सरना धान (स्वर्णा धान) को मोटे धान में खरीदने और मोटे धान के डीo ओo में राईस मिलरों को सरना धान देने का खेल।

 

IBN24 Desk : महासमुन्द (छत्तीसगढ़) पूरे प्रदेश में 1 नवम्बर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक किसानों से समर्थन मूल्य पर सरकार धान की खरीदी कर रही है। सरकार ने धान को तीन अलग अलग वेराइटी मोटा, पतला और सरना (स्वर्णा) में वर्गीकृत किया है।
लगातार किसानों से शिकायत मिल रही थी कि महासमुन्द जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में जानबूझकर सरना धान को मोटे धान में खरीदी किया जा रहा है और राईस मिलरों को मोटे धान के डीo ओo में सरना धान दिया जा रहा है इसके एवज में धान खरीदी प्रभारी राईस मिलर से 10 रुपया प्रति क्विंटल ले रहे है।
खबर की पड़ताल के लिए पिथौरा ब्लाक के झारामुड़ा धान खरीदी केंद्र में पहुचने पर वहां भी ऐसे ही नजारा दिखा 03 जनवरी 2024 की स्थिति में वहां कुल 12155 क्विंटल धान की खरीदी हुई थी जिसमे 12055 क्विंटल मोटा धान और सिर्फ 64 क्विंटल सरना धान की खरीदी की गई थी।

किसानों से बात करने पर किसानों ने बताया कि इस इलाके में सरना धान और मोटा धान लगभग बराबर मात्रा में बोया जाता है। कुछ किसानों ने बताया कि सरना धान को मोटा में खरीद रहे है। किसानों की माने तो जब लगभग बराबर मात्रा में सरना धान और मोटा धान की बोवाई होती है तो सिर्फ 64 क्विंटल सरना धान की कैसे खरीदी हो सकती है। यहां भी सरना को मोटा धान में खरीदकर मोटे धान के डीo ओo सरना धान मिलरों को देने का खेल चल रहा है।

झारमुडा धान खरीदी प्रभारी आशीष बेहरा धान खरीदी केंद्र में अनुपस्थित थे और उनका फोन भी बंद था। बाद में इस पूरे मामले के लिए उनसे बात किया गया तो उनका तर्क था कि सरना धान अब आएगा। जबकि धान खरीदी का 2 माह से अधिक का समय गुजर गया है अब धान बेचने के लिए कुछ ही दिन शेष है।

 

समझिए आखिर सरना धान को मोटे धान में क्यो खरीदता है धान खरीदी प्रभारी है।

राईस मील से संबंधित लोग बताते है कि 1 कविंटल मोटे धान से लगभग 55 से 60 किलो चावल निकलता है जबकि सरना धान के 1 कविंटल धान से लगभग 60 से 65 से किलो चावल निकलता है। मोटे धान में टूट अधिक होता है इसलिए चावल कम निकलता है जबकि सरना धान में टूट कम होने पर चावल अधिक निकलता है साथ ही सरना धान के कोढहा से तेल, मोटे धान के कोढहे से अधिक निकलता है इसलिए मिलर भी अधिक मात्रा में सरना धान खरीदी केंद्रों से लेना चाहता है लेकिन शासन तय करती हैं कि किस मिलर को कितना मोटा धान देना है कितना पतला धान देना है और कितना सरना धान देना है राइसमिलर सरना धान अधिक लेना कहते है इसीलिए धान खरीदी प्रभारी प्रति कविंटल 10 रुपये राईस मिलर से लेते है। वैसे इसमे ज्यादा फायदा राईस मिलरों को होता है क्योकि 01 कविंटल मोटा धान से लगभग 55 से 60 किलो चावल निकलता है वही 01 कविंटल सरना धान से 60 से 65 किलो चावल निकलता है मतलब 5 किलो अतिरिक्त चावल निकलता है। हर साल राईस मिलर हजारो कविंटल धान कस्टम मिलिंग के लिए धान खरीदी केंद्रों से उठाते है।

पिछले साल भी महासमुन्द खाद्य विभाग ने मोटे धान के डी०ओ० में सरना धान राइसमिल ले जाते कई ट्रकों को पकड़ा था।

अगले अंक में पढ़िए महासमुन्द जिले के धान खरीदी केंद्र में कैसे किसानों का रकबा फर्जी तरीके से पंजीयन में बढ़ाया गया और उस रकबे में लाखो रुपये की धान की फर्जी खरीदी हो रही है।

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