Wednesday, October 8, 2025
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श्रीबालाजी राइस मिल में चल रही गड़बड़ी को खाद्य विभाग ने पकड़ा, श्रीबालाजी राइस मिल परसदा यूनिट का चावल, झलप यूनिट में बनाया जा रहा था। कस्टम मिलिंग में किया जा रहा था गड़बड़ी। राइस मिल संचालक को खाद्य विभाग भेज रहा है नोटिस। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर राइस मिल होगा ब्लेक लिस्ट। 

IBN24 Desk : महासमुन्द (छत्तीसगढ़) कस्टम मिलिंग के तहत जिले के राइस मिलो की जांच महासमुंद के खाद्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी जांच के दौरांत श्रीबालाजी राइस मिल में भारी गड़बड़ी सामने आया है जहा कस्टम मिलिंग के लिए परसदा में स्थित श्रीबालाजी राईस मील का एक लाट [ 290 ] क्विंटल चावल, झलप में स्थित श्री बालाजी राइस मिल में पाया गया, मतलब दूसरे यूनिट परसदा राइस मिल का चावल अवैध तरीके से पहले यूनिट श्रीबालाजी राइस मिल झलप में बनाया जा रहा था साथ ही 854 कट्टा कस्टम मिलिंग का धान कम पाया गया है। इन्ही के श्रीबालाजी राइस मिल परसदा में 1657 कट्टा  [ 662 क़्वींटल 80 किलोग्राम ] कस्टम मिलिंग का धान कम पाया गया है जो कस्टम मिलिंग में भारी अनियमितता है। 

श्रीबालाजी राइस मिल में गड़बड़ी का ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी धान खरीदी वर्ष 2021-22 धान खरीदी केंद्र परसवानी से कस्टम मिलिंग के लिए कई ट्रक धान का उठाव श्रीबालाजी राइस मिल द्वारा किया जाना बताया गया था जबकि धान खरीदी केंद्र परसवानी से धान आने के कोई भी प्रमाण न तो राईस मिल मालिक दे पाए और न ही जिला प्रशासन के जांच अधिकारी दे पाए, आज भी मामला जाँच में है। 

( 2021-22 में परसवानी से धान उठाव के कागजी प्रपत्र)

धान के डी. ओ. को बेचा जा रहा है इसलिए रास मिलो में कस्टम मिलिंग का धान कम पाया जा रहा है। 

जिले के कई राइस मिलो में कस्टम मिलिंग का धान कम पाया जा रहा है इसका मुख्य कारण है कि कई राइस मिलर डी. ओ. को प्रति क्विंटल 2200 से 2400 रुपये के हिसाब से समिति में बेच रहे है, इसमें बेचने का मतलब ये है कि राइस मिलर समिति से धान के बदले पैसे ले रहे है इसमें धान खरीदी प्रभारी और मिलर दोनों का बड़ा फायदा है। समर्थन मूल्य पर इस बार धान 3100 प्रतिक्विंटल के हिसाब से ख़रीदा गया है जिले के कई धान खरीदी केंद्र में फर्जी [ बोगस ] बिना धान ख़रीदे ही खरीदी दिखाया गया है और समर्थन मूल्य 3100 रुपये के हिसाब से राशि का आहरण भी लिया गया है। फर्जी धान खरीदी के वजह से धान खरीदी फड़ में धान खरीदी मात्रा के हिसाब से कम  है। अब ऐसे समिति प्रभारी और राईस मिलर दोनों मिलकर डी. ओ. एडजस्ट करने का खेल कर रहे है। राइस मिलर डी. ओ. का प्रति क्विंटल 2200 से 2400 ले रहे है। समिति प्रभारी प्रति क़्वींटल समर्थन मूल्य पर 3100 का आहरण अपने या अपने किसी परिचित के नाम से कर लिया है और अब 2400 रुपये प्रतिक्विंटल से हिसाब से मिलर को पैसे दे रहे है। समिति प्रभारी प्रतिक्विंटल 700 रुपये का अवैध लाभ ले रहा है वही राईस मिलर 2400 रुपये प्रतिक्विंटल के हिसाब से ले रहे है और कस्टम मिलिंग के लिए उड़ीसा से या रवि फसल का धान 1500 प्रतिक्विंटल के दर से खरीदकर कस्टम मिलिंग के लिए चावल जमा कर देंगे इस प्रकार राईस मिलर प्रति क्विंटल 900 रुपये का अवैध लाभ ले रहे है। इसी वजह से राइस मिलो में कस्टम मिलिंग का धान कम पाया जा रहा है और शासन और जिला प्रशासन के आँखों में धूलझोंककर अवैध कमाई किया जा रहा है। 

श्रीबालाजी राइस मिल की इस अनियमितता के लिए जिला प्रशासन खाद्य विभाग द्वारा नोटिस भेजा जा रहा है। नोटिस का जवाब कार्यालय में उपस्थित होकर  देना होगा राइस मिल संचालक का जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर राइस मिल को ब्लेक लिस्टेड करने की कार्यवाही की जाएगी।

महासमुंद के कलेक्टर श्री प्रभात मालिक के सजगता और गड़बड़ी रोकने के लिए किये जा रहे राइस मिलो के भौतिक सत्यापन से मामला सामने आ रहा है अगर भौतिक सत्यापन में देरी होती तो ऐसे मामले कभी भी सामने नहीं आते। समय पर भौतिक सत्यापन होने से राईस मिलो की गड़बड़िया सामने आ रही है !

इस पुरे मामले पर महासमुंद के प्रभारी खाद्य अधिकरी संजय शर्मा ने क्या कहा सुनिए। 

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