IBN24 Desk : महासमुन्द (छत्तीसगढ़) फर्जीवाड़ा, भष्ट्राचार के समुन्द्र कहे जाने वाले महासमुंद जिले में नीत नए मामले सामने आते रहते है। अभी हाल में ही धान खरीदी में प्रदेश का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक के जाड़ामुड़ा सहकारी समिति में उजागर हुए था जहाँ फर्जी धान के रकबे में करोडो की फर्जी तरीके से धान की खरीदी की गयी थी। इस गंभीर मामले में जिला प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम जांच कर रहा है। इस मामले में अभी तक जाड़ामुड़ा सहकारी समिति प्रभारी/प्रबंधक उमेश भोई, दो कम्प्यूटर ऑपरेटर मनोज प्रधान और मनीष प्रधान और एक किसान राम प्रसाद के खिलाफ मामला बसना थाने में दर्ज है, इस मामले में बाकि 17 और लोग जो इस फर्जीवाड़े में शामिल है जिनके खिलाफ मामला दर्ज होना बाकी है।
इसी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या.जाड़ामुड़ा पं. क्र. 879 में एक और बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर है जिसमे जाड़ामुड़ा सहकारी समिति के तत्कालीन प्रबंधक उमेश भोई [ वर्तमान में फरार ] ने खाद के नाम पर लाखो के फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है। जाड़ामुड़ा सहकारी समिति के तत्कालीन प्रबंधक उमेश भोई ने समिति के लगभग 100- 150 किसानो को बिना जानकारी दिए उनके नाम पर लाखो रुपये के खाद का ऋण चढ़ाकर रुपये निकाल लिया है। किसान शपथ पत्र देकर कह रहे कि उन्होंने खाद के लिए समिति से ऋण नहीं लिया है। किसान बिना ऋण लिए ही कर्जदार बन गए है।
प्रकरण 01 – जाड़ामुड़ा सहकारी समिति के किसान घनश्याम नायक पिता फागुलाल नायक ने अपने शपथ पत्र में लिखा है कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. जाड़ामुड़ा पं. क्र. 879 का नियमित किसान हु मेरे द्वारा खरीब वर्ष 2023 -24 में समिति से जाड़ामुड़ा में के.सी.सी. ऋण लिया गया था। पूर्व समिति प्रबंधक उमेश भोई द्वारा 19320 रुपये का खाद बीज का फर्जी परमिट काटकर समायोजन कर दिया गया है, जिसमे मेरे द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया गया है और न ही किसान धनादेश मेरे द्वारा दिया गया है जिसका राशि आज तक जमा नहीं हुआ है जिसके समर्थन में यह शपथ पत्र निष्पादित करने की आवश्यकता हुई है।


प्रकरण 02 – जाड़ामुड़ा सहकारी समिति के किसान गोपीनाथ पटेल पिता दलसाय पटेल ने अपने शपथ पत्र में लिखा है कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. जाड़ामुड़ा पं. क्र. 879 का नियमित किसान हु मेरे द्वारा खरीब वर्ष 2023 -24 में समिति से जाड़ामुड़ा में के.सी.सी. ऋण लिया गया था। पूर्व समिति प्रबंधक उमेश भोई द्वारा 11103 रुपये का खाद बीज का फर्जी परमिट काटकर समायोजन कर दिया गया है, जिसमे मेरे द्वारा हस्ताक्षर नहीं किया गया है और न ही किसान धनादेश मेरे द्वारा दिया गया है जिसका राशि आज तक जमा नहीं हुआ है जिसके समर्थन में यह शपथ पत्र निष्पादित करने की आवश्यकता हुई है।


जाड़ामुड़ा सहकारी समिति के पीड़ित किसानो ने बताया कि इसी तरह इस समिति के मोतीलाल, मनीराम, खीरसाय, धनेश्वर, पैतराम, प्रेमसागर, जगेसर, देवी प्रसाद, मायावती, राधिका,नीलकुमारी सहित सैकड़ो किसान के नाम पर , किसी के नाम पर 40 हजार तो किसी किसान के नाम पर 50 हजार तक तत्कालीन समिति प्रबंधक उमेश भोई द्वारा लगभग 50 लाख का खाद बीज का ऋण निकला गया है।

बिना कर्ज लिए कर्जदार बनने वाले पीड़ित किसान फर्जीवाड़ा करने वाले तत्कालीन समिति प्रबंधक उमेश भोई पर कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे है।