
महासमुंद [छत्तीसगढ़]- महासमुन्द-जिले के प्रभारी मंत्री एवं आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा आज यहां महासमुन्द जिले के तहसील सरायपाली के ग्राम पुजारीपाली में बरिहा आदिवासी समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज अपने संस्कृति और परम्पराओं के लिए जाना जाता है। उनकी देवी-देवताओं में अटूट आस्था है। आदिवासी प्रकृति पर आधारित हर मौकें फसल बोने से लेकर काटनें और शादी जैसे रस्मों को उत्सव के रूप में मनाते है। उन्होेंने कहा कि दुनिया को बदलने के लिए बुद्धिमता की नहीं बल्कि सहजता की जरूरत है। तभी आदिवासी समाज बचा रहेगा। उन्होंने कहा आदिवासी समाज को समझने के लिए उनके रहन-सहन, बोली, परम्परा और संस्कृति को समझना पड़ता है।
इस अवसर पर मंत्री लखमा ने विंध्यवाहिनी मंदिर का उद्घाटन किया। शिशुपाल पर्वत को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग पर उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के लिए हरसम्भव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पर्यटन मंत्री के कार्यक्षेत्र का मामला है। लेकिन फिर भी वे इसके लिए उनसे मिलकर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम हजारों वर्षों से प्रकृति की गोद नदी, पहाड़ और जंगल से जुडे़ हुए है। शिशुपाल पर्वत काफी सुन्दर स्थल है। मकर संक्राति के पर्व पर प्रतिवर्ष यहां उत्सव मनाया जाता है। यह एक ऐसा पर्व है जिसे भारत के सभी राज्यों में अलग-अलग तरह से सभी वर्गों के लोग पूरी आस्था के साथ मनाते है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न तीज-त्यौहारों के पर्व पर शासकीय अवकाश भी घोषित किए है। इसके अलावा उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को नए साल और मकर संक्राति की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य शासन के महत्वाकांक्षी योजनाओं नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना सहित अन्य योजनाओं के बारें में भी जानकारी दी तथा इसका लाभ उठाने की अपील की।
इस अवसर पर कार्यक्रम में विधायक सरायपाली किस्मत लाल नंद एवं बसना विधायक देवेन्द्र बहादुर सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा पटेल, सरायपाली नगर पालिका परिषद् के अध्यक्ष अमृत पटेल, अपर कलेक्टर जोगेन्द्र कुमार नायक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेम्भुलकर, एसडीएम राकेश गोलछा सहित समाज प्रमुख, पंचायत प्रतिनिधिगण एवं समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।