महासमुन्द (छत्तीसगढ़) 12 मार्च से 14 मार्च तक होने वाले तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव को लेकर तैयारियां पूरी हो गई है। बौद्व विरासत की सांस्कृतिक धरोहर महानदी के तट पर सिरपुर की नगरी में बौद्व भिक्खुओं का आगमन हो गया है। महोत्सव के लेकर मंच, स्टॉल, भोजन कक्ष, ठहरने व वाहनों की व्यवस्था कर ली गई है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश के कई राज्यों से वक्ता व शोधार्थीगण के पहुंचने का सिलसिला जारी है। महोत्सव में प्रथम दिवस उदद्याटन अवसर पर 12 मार्च को सुबह 11.30 बजे मुख्यअतिथि भदंत नागार्जुन सुरई ससाई जी जापान से कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गए हैं।
महोत्सव में संगोष्ठी का विषय- सिरपुर की प्रासंगिकता-कल, आज और कल (धम्म, कला-स्थापत्य, शिक्षा, संस्कृति, साहित्य, समाज एवं इतिहास पर ) केंद्रीत होगा। समारोह में मुख्य वक्ता के रुप में देश के जाने माने इतिहासकार दिल्ली विश्वविद्यालय प्रोफेसर रतन लाल, दलित दस्तक के संपादक, जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से हिंदी विभाग की एचओडी प्रो. हेमलता महिश्वर, वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर चौथीराम यादव, वरिष्ठ पत्रकार एवं दलित चिंतक दिलीप मंडल, डॉ. मधुकर कठाने नागपुर के पुरातत्ववेत्ता, मनुनायक फिल्म निर्माता, सामाजिक चिंतक विष्णु बघेल, तर्कशील परिषद के अध्यक्ष डॉ आरके सुखदेवे, महेंद्र छाबड़ा अध्यक्ष राज्य अल्पसंख्यक आयोग सहित वक्ता व्याख्यान देंगे। समारोह के शुभारंभ अवसर पर शोधार्थीओं से प्राप्त आलेखों के संकलन पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया जाएगा।
कार्यक्रम के संयोजक एवं छत्तीसगढ हेरिटेज एंड कल्चरल फाउंडेशन के अध्यक्ष रघुनंदन ने बताया, तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव एवं शोध संगोष्ठी-2021 का आगाज सिरपुर की पावन धरती पर 12,13 व 14 मार्च को होने जा रहा है। महोत्सव में सांस्कृतिक संध्या में पंथी नृत्य, कला जत्था, भीम गीत, बुद्व वंदना, गेडी नृत्य, मांदरी नृत्य, गौर नृत्य, सेंड आर्ट, गोधना आर्ट, पेंटिंग, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, कबीर भजन, नाटक के साथ लोकगीत व संगीत की छठा बिखरेगी। आयोजन समिति के संयोजक रघुनंदन ने बताया, महोत्सव को भव्य बनाने के लिए देशभर के बुद्विजीवी चिंतक, गीतकार, साहित्यकार , विषय के जानकार, कला व संगीत के प्रेमी मंच साझा करेंगे।
पहली बार महोत्सव में सिरपुर की विरासत को पुरखा के सुरता के माध्यम से सहेजने और समेटने का कार्य किया जा रहा है। महोत्सव में साहित्य, संस्कृति एवं भारत के गौरवशाली इतिहास पर आधारित दुर्लभ पुस्तकों की प्रदर्शनी सह बिक्री के लिए स्टॉल लगाए जा रहे हैं। आयोजन समिति द्वारा महोत्सव में शामिल होने वाली सभी लोगों के लिए विशाल व निशुल्क भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। समिति के प्रवक्ता डॉ नरेश साहू ने बताया, कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सेनेटाइटर, मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए महोत्सव में शामिल होने वाले प्रतिभागियों का टेम्प्रेचर माप भी किया जाएगा।