
महासमुंद (छत्तीसगढ़) महासमुन्द-जिले में धान खरीदी प्रारंभ होने के दो माह बाद भी अभी तक खरीदी केंद्रों से धान का उठाव न होने से खरीदी प्रभारियों को चिंता सताने लगी है। बदलते मौसम से धान भींगने, अंकुरण का खतरा मंडरा रहा है। इधर 72 घंटे में उठाव के अनुबंध के बावजूद 85 दिनों बाद भी खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हुआ है।इस बार जिले के 138 खरीदी केंद्रों से 75 लाख क्विंटल धान खरीदी की गई है। इसमें अब तक 58 फीसद ही धान का उठाव हुआ है, जबकि 28 लाख क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में रखे हुए हैं।कमोबेश सभी खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से कई गुना अधिक धान रखा हुआ है।लेकिन सोसाइटी से धान के परिवहन की गति अत्यंत धीमी होने के कारण खरीदी केंद्रों में धान पड़ा हुआ है।
जिले के सभी खरीदी केंद्रों में अब परिवहन को लेकर केंद्र प्रभारी परेशान हैं।अधिक दिन तक स्टेक के रखने के कारण चूहा, दीमक अचानक वर्षा एवं सुखती से धान के वजन में कमी आएगी। जिससे समिति को आर्थिक हानि होना है। शासन इसकी भरपाई के लिए समिति पर जिम्मेदारी थोपेगी, जिसे लेकर अभी से ही समिति प्रबंधन चिंताग्रस्त है।