
पुरे छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य में किसानों से धान की खरीदी की जा रही है महासमुंद जिले में धान खरीदी के लिए 138 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं और अभी तक महासमुंद जिले में 4 लाख 22 हजार मेट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है लेकिन खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने से अमूमन जिले के सभी खरीदी केंद्र में धान जाम की स्थिति है धान जाम होने की वजह से खरीदी केंद्र में किसानों के बिक्री के लिए लाए धान को रखने तक की जगह नहीं मिल पा रही है इससे किसान परेशान साथ ही लंबे समय तक धान का उठाव नहीं होने से धान सूखने से उसके वजन में कमी आती है और लंबे समय तक धान खरीदी केंद्र में पड़े रहने और बेमौषम बारिश से धान सड़ कर खराब हो जाता है । धान की के वजन में कमी या धान खराब होने की जवाबदारी समिति प्रबंधक को ठहराया जाता है । पिछले बार महासमुन्द के कई धान खरीदी प्रभारी पर एफ.आई.आर.तक हुआ है । इस बार भी धान खरीदी प्रभारी इस बात से चिंतित हैं कि धान का उठाव नहीं हुआ और धान के वजन में कमी आया तो उनके ऊपर भी एफ आई आर हो सकता है इसलिए खरीदी प्रभारी चाहते हैं धान का उठाव जल्द से जल्द हो, सरकार के नियमानुसार किसानों से खरीदे गए धान का उठाव खरीदी केंद्र से 72 घंटे के अंदर संग्रहण केंद्र के लिए होना होता है लेकिन कई 72 घंटे बीत जाने के बाद भी परिवहन नहीं होता है लंबे समय से ध्यान पड़े रहने से धान के वजन में कमी आता है और बेमौसम बारिश से धान खराब होता है इस बार खरीदी प्रभारी इस बात से डर रहे हैं कि कहीं धान का उठाव में लेट हुआ उसका खामियाजा प्रभारियों को भुगतना पड़ सकता है।