IBN24 Desk : महासमुंद [ छत्तीसगढ़ ] छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय विभागों में सामान खरीदी के लिए GeM पोर्टल से खरीदी करने का निर्णय लिया है। अब शासकीय खरीदी GeM पोर्टल से ही होगी। छत्तीसगढ़ में पहले भी शासकीय खरीदी GeM पोर्टल के माध्यम से ही की जाती रही है। GeM पोर्टल से खरीदी में गड़बड़ी और अनियमितता होने के शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने GeM पोर्टल से खरीदी को बंद कर शासकीय खरीदी CSIDC के माध्यम से खरीदी का निर्णय लिया था। छतीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद एक बार फिर से CSIDC के माध्यम से खरीदी न कर, GeM पोर्टल से खरीदी का निर्णय लिए गया है। जिसमे 900 करोड़ तक की खरीदी GeM पोर्टल के माध्यम से किए जाने का निर्णय लिया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं GeM पोर्टल से खरीदी के जानकार ललित चन्द्रनाहू का कहना है कि GeM पोर्टल से खरीदी में अनियमितता और भ्रष्ट्राचार होता है इसके प्रमाण भी है। GeM पोर्टल से खरीदी में बेचने वाले और खरीदीकर्ता आपस में साठगांठ कर लेते है जिसमे बेचने वाला अपने ऑन लाइन बिक्री वेब साईट मे अपने प्रोडक्ट [ सामान ] के नाम के आगे कुछ भी PREFIX लगा देता और और खरीदी करने वाले से उसी PREFIX वाले सामान को सर्च करने को कहता है। सामान [ प्रोडक्ट ] मे PREFIX लगा होने के कारण साईट मे वही सामान [ प्रोडक्ट] सलेक्ट होता है जबकि उसका मूल्य ज्यादा होता है पर सामान [ प्रोडक्ट] के आगे PREFIX होने के कारण सर्च करने पर वही सिलेक्ट होता है।
उदाहरण के तौर पर किसी विभाग को LG का टीवी लेना है तो बेचने वाला खरीदने वाले विभाग से सांठगांठ कर अपने LG टीवी नाम के आगे PREEFIX लगाकर SSS LG टीवी अपने बिक्री वेब साईट मे अपलोड कर देता और खरीदीकर्ता से SSS LG टीवी सर्च करने को कहता है चुकी SSS LG टीवी कोई कंपनी बनाती ही नहीं है इसलिए बाकी और सेलर होते है उनके LG टीवी सर्च ही नहीं पाता और SSS LG टीवी सलेक्ट होकर L – 01 मे आ जाता है। जिसकी खरीदी हो जाती है और इस तरह फर्जीवाड़ा किया जाता है।