IBN24 Desk : महासमुंद [ छत्तीसगढ़ ] जिले के सांकरा ब्रांच के बहुचर्चित परसवानी धान खरीदी केंद्र में हुए 4000 क्विंटल [लगभग 1 करोड़ के ] धान के बोगस खरीदी और बोगस धान परिवहन मामले होगी कड़ी कार्यवाही। धान खरीदी केंद्र परसवानी के कर्मचारी और इस फर्जीवाड़े में शमिल राईस मिलरों पर जांच के बाद होगा FIR दर्ज।
महासमुंद जिले के धान खरीदी केंद्र परसवानी में धान खरीदी वर्ष 2021-22 में 14 करोड़ 59 लाख 72 हजार 500 रुपये का कुल 58389 क्विंटल धान की खरीदी करना बताया गया है जबकि इतना धान खरीदा ही नहीं गया था ! समर्थन मूल्य 2500 कि दर से से लगभग 1 करोड़ के 4000 क्विंटल धान बिना खरीदे ही ऑनलाइन चढ़ा दिया गया था जो मौके पर था ही नहीं ! स्थानीय लोगो के शिकायत पर जब इस खबर को कवरेज करने जब मीडिया कि टीम परसवानी धान खरीदी केंद्र पहुची तो मौके में लगभग 4000 क्विंटल धान नहीं था ! मामला प्रकाश मे आने के बाद महासमुंद के कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुये 15 मार्च को ही जांच के निर्देश दिये थे उसके लिए जांच टीम गठित कि गयी और कलेक्टर साहब ने फर्जीवाड़ा में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे!समझिये कार्यवाही के डर से कैसे शुरू हुआ बोगस धान खरीदी को मैनेज करने का खेल 15, 16 और 17 मार्च कई ट्रको से धान खरीदी केंद्र परसवानी से मनीष असोसिएट्स बागबहरा और श्री बालाजी इंडस्ट्रीज़ झलप के राईस मीलो मे, कागजो में धान जाना बताया गया जबकि मौके पर जितना धान राईस मील में जाना बताया गया उतना धान था ही नहीं ! राईस मिलरो से फर्जीवाड़ा करने वाले धान खरीदी प्रभारी ने ऐसा सेटिंग जमाया कि बिना धान प्राप्त किये राईस मिलरो ने धान खरीदी केंद्र परसवानी से धान प्राप्त करना तक बता दिया ! जबकि धान खरीदी केंद्र परसवानी से मनीष एसोसीयेट बागबहरा और श्री बालाजी इंडस्ट्रीज़ धान जाने के कोई साबुत नहीं है सब गोलमाल कागजो में कर गया ।
धान खरीदी केंद्र से किसी भी राईस मील या संग्रहण केंद्र धान जाता है तो खरीदी केन्द्रो में दिए गए मोबाइल [ टेबलेट ] से उस ट्रक का फोटोग्राफ़ी करना होता है ट्रक के ड्राइवर का नाम पता नोट किया जाता है ! धान खरीदी केंद्र परसवानी में मौके पर धान तो था नहीं इसलिए कोई ट्रक भी धान लेने नहीं गया तो फोटोग्राफी कैसे होता इस लिए ट्रक का फोटोग्राफी भी नहीं है ! 15 मार्च 16 और 17 मार्च को अगर ट्रक धान लेकर निकलता तो टोल प्लाजा सहित कही के भी CCTV में ट्रक नजर आता, यहाँ भी नजर नहीं आया ! सभी राईस मीलो में CCTV लगा हुआ अगर धान लेकर राईस मील गया है तो राईस मील में उस ट्रक का फुटैज दिख जाता ! धान गया ही नहीं है इसलिए दिखा ही नहीं !



जिन ट्रको से धान खरीदी केंद्र परसवानी से मनीष एसोसीयेट बागबहरा और श्री बालाजी इंडस्ट्रीज़ जाना बताया गया उनमे से कई ट्रको के मालिक और ड्राइवरो ने बताया की जिस दिन परसवानी से राईस मिल धान लेकर जाना बताया जा रहा है उस दिन हम कही और थे तो कैसे हमारे ट्रैक से परिवहन हुआ होगा ! ट्रक क्रमांक CG04LQ 5700 के ड्राइवर/ मालिक पवन साहू ने बताया कि 16 मार्च को ट्रक सरायपाली से कनकी लेकर रायपुर गया था जहा 17 मार्च को ट्रक खाली हुआ। अब सवाल उठता है कि ट्रक रायपुर गया है तो परसवानी से धान लेकर ट्रक राईस मिल कैसे जा सकता है और राईस मिलर उस ट्रक से धान कैसे प्राप्त कर सकता है !
देखिए CG04LQ 5700 के ड्राइवर ने क्या कहा
इस फर्जीवाड़ा को मैनेज करेने के लिए अब इसमें राईस मिलर भी शामिल हो गए है ऐसा प्रतीत होता है,इसी वजह से राईस मिलरो ने भी परसवानी धान खरीदी केंद्र से धान प्राप्त होना भी बता रहे है जब धान आया ही नहीं है तो राईस मिलरो को धान कैसे प्राप्त हुआ अगर धान प्राप्त हुआ है तो उस तारीख का CCTV फुटैज प्रशासन को दिखाए, धान आया है की नहीं सब पता चल जायेगा !
पहले जांच में, जांच टीम ने सुनियोजित तरीके से कलेक्टर साहब को गुमराह करते हुये ऐसा जांच रिपोर्ट बनाया था जिसमे करोड़ो के धान फर्जीवाड़ा करेने वाले धान खरीदी केंद्र परसवानी के धान खरीदीकर्ता सुनील प्रधान और अन्य कर्मचारियो को क्लीनचिट जा सके लेकिन जिले के अनुभवी कलेक्टर श्री नीलेश कुमार क्षीरसागर ने जांच रिपोर्ट देखते ही समझ गए की जांच रिपोर्ट में कई खामियां है गोलमोल जांच रिपोर्ट बनाया गया है, फर्जीवाड़ा करने वाले को बचाने का प्रयास किया गया है! मामले की गंभीरता और फर्जीवाड़े के तरीके को देखते हुए कलेक्टर महासमुंद ने अधिकारियो को फिर से दोबारा एक- एक बिन्दुओ पर शुक्ष्म जांच के आदेश दिए है 15,16 और 17 मार्च को धान खरीदी केंद्र से धान ले जाते समय ट्रक का फोटग्राफी किया गया की नहीं किया गया, नहीं किया गया तो क्यों नहीं किया गया, टोल प्लाजा में से भी उस दिन का CCTV फुटेज चेक किया जाए, साथ ही राईस मीलो लगे CCTV से भी जांच किया जाये !
कलेक्टर साहब के दुबारा जांच आदेश के बाद जांच अधिकारियो के हाथ पैर फुल गए है क्योकि अधिकारियो ने पहले जांच रिपोर्ट में क्लीनचिट देने का प्रयास किया था दोबारा जांच में अगर इन बिन्दुओ पर जांच होती है तो पहले के जांच रिपोर्ट के विपरीत जांच रिपोर्ट आएगा !
महासमुंद कलेक्टर श्री नीलेश कुमार क्षीरसागर ने कहा कि प्रथम दृट्या ही इस मामले में फर्जीवाड़ा दिख रहा है जब ट्रक धान लेकर गया ही नहीं तो धान का परिवहन राईस मील में कैसे हो गया ! परसवानी धान खरीदी मामले में FIR दर्ज किया जायेगा साथ ही राईस मिलर जो बिना धान प्राप्त किये धान का आवक दिखाया है उनके खिलाफ भी FIR किया जायेगा! 5 दिन के अंदर जांच पूरा कर लिया जायेगा ! इस मामले में जो भी जांच अधिकारी फर्जीवाड़ा करने वाले को बचाने का प्रयास करेंगे उनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी !
देखिए इस मामले में महासमुंद के कलेक्टर श्री नीलेश कुमार क्षीरसागर साहब का क्या कहना है.