IBN24 Desk : Ganesh Utsav 2025: जिस नीम के पेड़ को सुख और सौभाग्य के साथ आरोग्य से जोड़ा जाता है, उसी नीम से बने गणपति की पूजा क्यों की जाती है? नीम के गणपति पूजन पर क्या फल मिलता है? इस गणेश उत्सव के दौरान कब और कैसे करें नीम के गणपति की पूजा, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.
Neem Ke Ganesh: सनातन परंपरा में गणपति (Ganpati) को कई रूपों में पूजा जाता है. कोई बैठे हुए तो कोई खड़े हुए गणपति की पूजा करता है. इसी प्रकार कोई सोने-चांदी से बने गणपति की तो कोई स्फटिक और पत्थर से बने गणपति को पूजता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर नीम से बने गणपति की साधना किस कामना के लिए की जाती है? नीम के गणपति की पूजा करने पर किस फल की प्राप्ति होती है? नीम वाले गणेश जी (Lord Ganesha Puja Vidhi) की पूजा की विधि और उसके लाभ के बारे में आइए विस्तार से जानते हैं.
नीम के गणपति की कैसे करें पूजा
हिंदू मान्यता के अनुसार नीम से बने गणपति (Neem Ganpati) को गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) के दौरान या फिर किसी शुभ दिन और मुहूर्त में अपने घर में प्रतिष्ठित करें. इसके बाद प्रतिदिन उनकी दूर्वा, लाल रंग के फूल और उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाकर गणपति के मंत्रों (Ganpati Mantra) का जप करें. मान्यता है कि नीम के गणपति की प्रतिदिन विधि-विधाने से पूजा करने पर साधक का शत्रु भय दूर होता है और उसे प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. गणपति की कृपा से उसके घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है.
नीम के गणपति की पूजा का महत्व
सनातन परंपरा में नीम के गणपति की पूजा अत्यंत ही शुभ और शीघ्र फलदायी मानी गई है. हिंदू मान्यता के अनुसार नीम के गणपति की पूजा करने का न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिषीय महत्व भी है. जिस तरह नीम सुख-सौभाग्य के साथ आरोग्य से जुड़ी हुई है, उसी प्रकार नीम से बने गणपति की पूजा सभी सुखों को प्रदान करते हुए जीवन से जुड़े सभी शत्रुओं का नाश करती है. मान्यता है कि यदि कोई साधन नीम के गणपति की पूजा करता है तो उसके शत्रु भी मित्र हो जाते हैं. उसे कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में शीघ्र ही विजय प्राप्त होती है.