IBN24 Desk: महासमुंद (छत्तीसगढ़) महासमुन्द में मौसमी तापमान भले ही गिर गया हैं। लेकिन शहर की सियासी तासीर गरमाई हुई हैं। वजह है, नगर के प्रथम नागरिक की कुर्सी। जिस पर अब कांग्रेस की नजर है। पिछले दिनो पालिका उपाध्यक्ष कृष्णा चंद्राकर और नेता प्रतिपक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग की अगुवाई में पार्षदों की ओर से पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर के विरूद्व अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन प्रस्तुत किया गया था। तभी औपचारिक परिक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी और अब कलेक्टर द्वारा सम्मिलन के लिये 4 जुलाई की तिथी निर्धारित कर अनुविभागीय अधिकारी भागवत जायसवाल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर सम्मलिन की कार्यवाही नगर पालिका के सभा कक्ष में सुबह 11 बजे प्रांरभ होगी।
अब 4 जुलाई को निर्णायक ऊंट किस करवट बैठता है, यह देखना दिलचस्प होगा। बहरहाल अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले सत्तासीन भाजपा तथा सम्मिलन बुलाने वाली कांग्रेस के खेमों में सरगर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक गलियारे में भी खासी चर्चा के बीच अटकले लगाई जा रही है कि – नतीजा क्या हो सकता है? जहा तक नगर पालिका में दलगत अंक गणित को समझे तो, भले ही वर्तमान अध्यक्ष के दावानुसार उसके पास जादुई आंकड़ा हो सकता है। लेकिन मुगालते पालना इसलिये भी उचित नहीं है क्योकि नगर पालिका के ही उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा के गणित का फेल हो गया था।
इस बार बात और भी ज्यादा बिगड़ी हुई हैं। नेतृत्व अपनी ही पार्टी के लोगों को साधे रखने में निसफल रहा । जिस दिन अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ था। बताया जाता है कि, उसी दिन पार्टी के जिला कार्यालय में देर रात हुई बैठक के दौरान पार्टीजन पालिकाध्यक्ष के विरूद्व जमकर मुखर हुये थे। हालाकि पार्टी के वरिष्ट नेता डेमेज कंट्रोल में जुटे हुये है। देखना यह है कि, आगामी 4 जुलाई को भाजपा अपनी सत्ता बचा पाती है या सत्ता पर काबिज होने में कांग्रेस सफल होगी।