महासमुन्द (छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले से श्रमिको का पलायन शुरू हो गया है, पलायन कराने के लिए संगठित मजदूर दलाल एक गिरोह की तरह काम करता है जिले के भोले भाले ग्रामीणों मजदूरों को अन्य राज्य के मजदूर ठेकेदारों को सौप देते है। कई बार अधिक समय तक काम और पैसे मिलने के सपने लिए मजदूर प्रदेश से बाहर चले जाते है और बधुवा मजदूर बन जाते है इन मजदूरों का शोषण भी होता है बाद में परिजन प्रशासन से गुहार लगाते है तो प्रशासन उन्हें छुड़वाता है।
महासमुन्द जिले में 22 मजदूर दलालों ने श्रम विभाग में पंजीयन कराया है। इन मजदूर दलालों में नंदू महंती ने 100 -100 मजदूरों के दो लाइसेंस लिया है वही जगत गुप्ता ने भी 100-100 मजदूरों के लिए दो लाइसेंस लिया है इसी तरह के मजदूर दलाल कोई 50 का तो कोई 80 का लाइसेंस लिया है।मजदूर दलाल यहां पर खेल करते है 200 मजदूर के नाम पर लाइसेंस लेकर हजारों मजदूरों का अवैध तरीके से पलायन करवाते है जिले से हर साल 70 से 80 हजार मजदूरों का पलायन इन्ही मजदूर दलालों के द्वारा कराया जाता है। और मजदूर दलाल मोटी कमाई करते है। कल भी नंदू मंहती और जगत गुप्ता के 130 मजदूरों को up भेजा जा रहा था जिसे पटेवा पुलिस ने पकड़ा था और बाद में मामला श्रम विभाग को सौंप दिया। मजदूरों ने बताया उन्हें जगत गुप्ता और नंदू महंती के द्वारा up भेजा जा रहा था। मजदूरों को दलालों ने 25 हजार से 1 लाख तक एडवांस दिए है।
इस बार बाहर जाने वाले मजदूरों की गिनती भी होगी और मजदूर दलालों के द्वारा कितने मजदूर के लिए पंजीयन है उसकी निगरानी भी की जाएगी। एक मामला पकड़ाने पर मजदूर दलालों में हड़कंप है वही इस मामले में नंदू महंती के पास इंटर स्टेट माइग्रेन वर्क एक्ट लाइसेंस नही होने के वजह से उसका लाइसेंस कैंसिल किया जा रहा है।