IBN 24 Desk : महासमुन्द (छत्तीसगढ़) फर्जीवाड़े, अनियमितता, नियम विरुद्ध भर्ती के लिए पूरे प्रदेश में मशहूर महासमुंद जिला एक बार फिर चर्चा में है। महासमुंद के सहकारिता विभाग में गुपचुप तरीके से अपने सगे संबंधियों को नौकरी लगाने का खेल किया जा रहा है। प्रभारी समिति प्रबंधक ने अपने ही बेटे को गुपचुप तरीके से विक्रेता बना दिया जबकि सहकारिता सेवा नियमसार अगर कोई सहकारिता विभाग में कार्य कर रहा है तो अपने कुटुम्ब के किसी सदस्य की भर्ती अपने कार्य क्षेत्र में नहीं कर सकता लेकिन महासमुंद जिले में नियम तोडना, फर्जीवाड़ा करना, घोटाला करना कोई नयी बात नहीं है।

मामला महासमुंद जिले के सराईपाली ब्लॉक के सहकारी बैंक के तोरेसिंहा ब्रांच का है। तोरेसिंहा ब्रांच के कोटद्वारी [ बलौदा ] में श्री खिरसिन्धु भोई प्रभारी समिति प्रबंधक है उन्होंने अपने बेटे ओमकार भोई का अपने ही समिति क्षेत्र डूमरपाली में विक्रेता के रूप में भर्ती कर दिया है और ओमकार भोई विक्रेता बनाने के बाद कोटद्वारी धान खरीदी केंद्र में प्रभारी प्रबंधक खिरसिन्धु भोई के साथ धान की खरीदी भी कर रहा है। ये पूरा भर्ती गुपचुप तरीके से किया गया है जिसमे सहकारी बैंक तोरेसिंहा बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से नियम विरुद्ध भर्ती किया गया है। स्थानीय लोगो ने बताया कि और कई लोग विक्रेता बनने के योग्य और इच्छुक थे लेकिन बैंक के अधिकारियों और प्रभारी प्रबंधक खीरसिंधु भोई ने अपने बेटे को विक्रेता बनाने के लिए नियम विरुद्ध भर्ती कर विक्रेता बनाया है।

भर्ती सेवा नियम के कंडिका 7.7 में साफ साफ लिखा है कि अधिनियम / नियम के प्रावधानों के अंतर्गत किसी भी संचालक के कुटुम्ब का सदस्य न हो। लेकिन यहाँ प्रभारी समिति प्रबंधक ने अपने ही बेटे को डूमरपाली का विक्रेता बना दिया है।