Thursday, October 9, 2025
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महिला बाल विकास विभाग में  आंगनबाड़ी  सहायिका पद पर फर्जी तरीके से नियुक्ति करने का लग रहा है आरोप। पीड़ितों ने आरोप लगाया हैं कि पात्र को अपात्र कर चहेतों का चयन किया जा रहा है।

IBN24 Desk : महासमुन्द ( छत्तीसगढ़) बागबाहरा विकास खण्ड महिला बाल विकास विभाग के नियोक्ता पर मिलीभगत कर आंगनवाड़ी में सहायिका की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है।
इस अवैध नियुक्ति के चलते पात्र आवेदकों ने आरोप लगाया है कि महिला बाल विकास विभाग के नियोक्ता के व्दारा कुटरचना कर फर्जी तरीकें से सहायिका नियुक्ति किया जा रहा है।

विकास खण्ड बागबाहरा के ग्राम पंचायत खट्टी व दारगाँव,कसेकेरा आंगन बाडी केन्द्रों की गडबडी का भांडा फुटा है।विश्वस सूत्रों का माने तो विकास खण्ड बागबाहरा के महिला बाल विकास विभाग में कार्यकर्ता एंव सहायिका नियुक्ति करने में जमकर पैसों का लेन देन किया जा रहा है और पात्र को आपात्र एंव आपात्र को पात्र करने का गोरखधंधा चलने का आरोप लग रहा है।

दारगाँव में आंगन बाडी केन्द्र क्रमाक दो एंव तीन में सहायिका पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया केन्द्र क्रमांक दो में कुल पांच आवेदन और केन्द्र क्रमांक तीन में दो आवेदन जमा हुआ था आवेदक छाया ठाकुर बेवा पति जगदीश ठाकुर ने आंगनबाड़ी केन्द्र दो और तीन दोनों जगह आवेदन जमा किया परंतु अधिकारियों के कहने पर छाया ठाकुर ने केन्द्र क्रमांक तीन से नाम वापस ले लिया नाम वापसी पश्चात केन्द्र क्रमांक तीन में सिर्फ एक आवेदन दुलारी बाई पति देवागन साहू का आवेदन शेष रह गया जो पात्राता अनुसार उनकी नियुक्ति तय था लेकिन नियोक्ताओ,ने कुटरचना करते हुये केन्द्र क्रमांक दो मे पांच आवेदकों ने आवेदन जमा किया था छाया ठाकुर, सीमा ठाकुर, वेनिका निषाद,बिंदु निषाद,कुमारी पूजा ठाकुर छाया ठाकुर के केन्द्र क्रमांक तीन से नाम वापस लेने के बाद उनका नाम पात्रता सूची केन्द्र दो में मेरिट सूची में आ गया और तीन नं. में दुलारी साहू विकलांग का नाम स्वतः पात्रता सूची मे आना चाहिए था लेकिन नियोक्ताओं ने कूटरचना करते हुये केन्द्र दो मे आवेदक वेनिका निषाद के आवेदन को केन्द्र क्रमांक तीन में डालकर पात्र दुलारी साहू विकलांग को पात्र सूची क्रमांक पहला को दूसरा में कर दिया गया है।

दुलारी बाई साहू (विकलांग)

ग्राम पंचायत खट्टी साहू पारा आंगन बाडी केन्द्र में
सहायिका पद के लिए कुल छै आवदेन जमा किया गया

खोमन बाई सिन्हा पति मुकेश सिन्हा ग्राम पंचायत के पंच है इन्द्रा बाई बेवा अनिल ताण्डी,देदेश्वरी मनोज सिन्हा, भुनेश्वरी डिगेश पटेल,नागेश्वरी नरेन्द्र सिन्हा, डिगेश्वरी देव कुमार साहू ने आवेदन जमा किया यहां पात्रता सूची बनाते समय इन्द्रा बेवा अनिल ताण्डी को जाति में दस अंक दिया जाना होता है परंतु इन्द्रा बाई को जाति का अंक न देकर उसे पात्रता क्रमक दो में धकेल दिया गया यहां यह बताना लाजिमी होगा इन्द्रा बाई विधवा है उनके छोटे छोटे दो बच्चे है मजदूरी कर वे भरण पोषण करती है परंतु वे कुटरचना का शिकार हो गई है।

इंद्रा बाई (विधवा)


इसी प्रकार आंगनबाड़ी केन्द्र सडकपारा कसेकेरा सहायिका पद के लिए कुल पांच आवेदकों ने आवेदन जमा किया राजेश्वरी पति भोलेनाथ गांडा,संजना.डिगेश्वर, दीवान राजकुमारी टीकम ठाकुर,तोषिका गीतेशराम साहू,गंगा बाई रुपेंद्र साहू ने आवेदन जमा किया नियोक्ताओं ने यहां पर राजेश्वरी बाई गांडा के आवेदन में खेल करते हुये उन्हें जाति का दस अंक पहले दिया गया बाद में जाति का अंक हटा दिया गया और उसे पात्रता क्रम एक से दूसरा स्थान पर डाल कर यहां संजना डिगेश्वर दीवान सरपंच पुत्री को पात्रता क्रम में पहला स्थान देकर उनके नौकरी का रास्ता साफ करते हुये दलित समाज के बेटी का हक मारा गया है।

राजेश्वरी (पीड़ित)

आवेदकों व्दारा आवेदन फार्म जमा करते है तो उसमें विभिन्न प्रमाण पत्र लगाया जाता है उक्त प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्यापन कराने संबंधित विभाग में भेज कर सत्यापन भी नहीं कराया जा रहा है इससे फर्जी प्रमाण पत्र के साहरे आयोग्य अभ्यर्थी नौकरी पा जाते है और पात्रता रखने वाले नौकरी से वंचित हो रहे है।

यहां सबसे चौंकाने वाली बात यह है महिला बाल विकास विभाग व्दारा किसी भी आवेदकों को आवेदन का पावती नहीं दिया जा रहा है चूंकि पावती इसलिए नहीं दिया जा रहा है नियुक्ति में उन्हें कूटरचना करना होता है। जिसका नियुक्ति करना होता है उस आवेदक से समय सीमा के बाद अन्य प्रमाण पत्र लिया जाता है और इस कूटरचना के पीछे अलग कहानी है।

आवेदकों व्दारा शिकायती आवेदन दिया जाता है पर आवेदन को नजरअंदाज करते हुए अवैध तरीके से अपात्रों को पात्र बना कर कार्यकर्ता और सहायिका पद के लिए नियुक्तियां दी जा रही है।


पात्रता क्रम को लेकर आवेदक ने कलेक्टर और जनपद सीईओ के पास इसकी लिखित शिकायत किया है आवेदकों ने बताया कि अंतिम मेरिट सूची में पहले नंबर पर था उसे दूसरे नंबर पर डाल कर नियुक्ति से वंचित करने नियोक्ताओं ने गडबडी की है।
आरोपों के मुताबिक नियोक्ताओं अधिकारियों के व्दारा जानबूझकर आंगनवाड़ी सहायिका का नियुक्ति में जमकर धांधली किया जा रहा है
इस अवैध कूटरचना के चलते पात्रता होने के बाद भी गरीब दलित महिला विकलांग महिला वंचित हो रही है।कमजोर घर की महिला होने के कारण ये अपने अधिकार की लडाई भी नहीं लड पा रही है उसका नाजायज एंव अनुचित लाभ तमाम नियोक्ताओं के बल पर आपात्र लोग उठा रहे है।

यदि महिला बाल विकास विभाग के तमाम नियुक्ति की जांच किया गया तो अनेक चौकाने वाले परिणाम सामने आयेंगे।

इस संबंध में महिला बाल विकास अधिकारी मीणा चंद्राकर से बात करने पर उन्होंने कहा त्रुटि हुई है हम जांच कर उसे सही करेंगे किसीके साथ भेद भाव अन्याय नहीं होगा।

इस पर जनपद पंचायत के सीईओ एफ सी पटेल ने कहा कि इस संबंध में मुझे शिकायत प्राप्त हुआ है मैं विस्तृत जांच कर दोषियों के खिलाफ शक्त कार्यवाही करने उच्च अधिकारियों को पत्र लिख रहा हूँ मै समस्त आवेदकों के शिकायत पर खुद जांच करुंगा यदि किसी ने कूटरचना कर पात्र को आपात्र किया होगा तो विभागीय जांच कराई जायेगी जो भी दोषी पाया जायेगा उन्हें बख्शा नहीं जायेगा।

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