महासमुंद (छत्तीसगढ़) कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत होने के बाद शासन ने संक्रमण रोकने वैवाहिक सहित अन्य सभी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी है। वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए भी शासन ने अनुमति का नियम तय कर दिया। इसके बाद विवाह कार्यक्रम के लिए लोगों ने बड़ी संख्या में आवेदन जमा किया है। जिले में विवाह की अनुमति के लिए 4 हजार से अधिक आवेदन प्रशासन को मिले हंै। इसमें सर्वाधिक आवेदन महासमुंद ब्लॉक और सबसे कम पिथौरा ब्लॉक से मिले हंै।जानकारी के मुताबिक महासमुंद ब्लॉक से कुल 1575 आवेदन विवाह की अनुमति के लिए लोगों ने आवेदन किया है। इसमें 1465 आवेदनों का निराकरण करते हुए अनुमति दी जा चुकी है जबकि 110 आवेदन लंबित हैं। इसके अलावा सबसे कम आवेदन पिथौरा ब्लॉक से कुल 378 आवेदन जमा हुए थे जिसमें 355 को अनुमति दी जा चुकी है और शेष निराकरण के लिए प्रकियाधीन हंै। इसके साथ ही बागबाहरा में 1116 आवेदनों में से 1106 निराकृत व 10 लंबित है। बसना में 571 आवेदनों में 530 निराकृत हो और 41 लंबित है और सरायपाली ब्लॉक से 553 लोगों ने विवाह की अनुमति के लिए आवेदन किया जिसमें 488 को अनुमति मिल चुकी है और 65 आवेदन अनुमति के लिए लंबित है। इस तरह से जिले में 21 मार्च से अप्रैल तक के लिए कुल 4193 आवेदन लोगों ने किया है।विवाह के लिए ये है नियमशासन ने कोरोना संक्रमण के बीच विवाह संपन्न कराने नियम जारी किया है। इसके लिए अनुमति अनिवार्य है। कार्यक्रम में दोनों पक्ष से कम से कम सदस्य कार्यक्रम में शामिल होंगे और कोविड नियमों के तहत विवाह सम्पन्न करना होगा। इसके अलावा भोजन, पार्टी और गाने बजाने का आयोजन विवाह में करना पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा गया है।लोगों की तैयारियों पर कोरोना ने फेरा पानीपिछले वर्ष लॉकडाउन की वजह से अधिकांश लोगों ने विवाह कार्यक्रम आगामी वर्ष के लिए टाल दिया था। इस वर्ष विवाह धूमधाम से संपन्न करने लोगों ने खासी तैयारियां कर रखी थी। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर से उनकी तैयारियां धरी की धरी रह गई। आलम यह है कि लोग अब मजबूरी में कोविड नियमों के तहत विवाह कर रहे हैं। जिसमें कई रिश्तेदार भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसके साथ ही जन्मोत्सव और छठ्ठी कार्यक्रम जैसे आयोजन भी लोगों को सीमित संख्या में करना पड़ रहा है। लॉकडाउन से संक्रमण में कमी आने की उम्मीद है।