Thursday, October 9, 2025
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जागो जनता जागो, अपने अधिकार पहचानो। टोल टैक्स जरूर दो, पर टोल टैक्स के बदले दी जानी वाली सुविधा कहा है ये भी पूछ लो ! “टोल रोड मे सुविधा शून्य, टोल टैक्स फूल”

IBN24 Desk : महासमुंद (छत्तीसगढ़) BSCPL कंपनी अपनी एग्रीमेंट [ सेवा शर्तो ] का नहीं कर रही पालन ! सेवा शर्तो का उल्लंघन के बाद भी ले रही है भारी भरकम टोल टैक्स ! बिना सुविधा के, एग्रीमेंट का उल्लंघन कर टोल टैक्स लेना, अवैध वसूली से कम नहीं !

 

आरंग से महासमुंद जिले के आखरी छोर रहटीखोल तक फोरलेन सड़क बनाने वाली और उसके बदले भारी भरकम टोल टैक्स लेने वाली BSCPL कंपनी अपनी एग्रीमेंट [ सेवा शर्तो का नहीं कर रही  है पालन ] सेवा शर्तो का उल्लंघन कर ले रही है टोल टैक्स !

नेशनल हाइवे 53 में हादसे के बाद लगातार हो रहे मौत के जिम्मेदार भी है BSCPL कंपनी है।  एग्रीमेंट [सेवा शर्तो ] के अनुसार हादसे में घायल व्यक्तियों को तुरंत प्राथमिक उपचार हेतु  BSCPL कंपनी के पास ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त ,फस्ट्रेट किट , सभी प्रकार के दवाई युक्त एम्बुलेंस, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ होना चाहिए ! टोल प्लाजा में डॉक्टर और इलाज के लिए सर्व सुविधा युक्त बिल्डिंग होने चाहिए जबकि  BSCPL कंपनी के ढांक टोल और सराईपाली टोल में ऐसी कोई व्यवस्था ही नहीं है।

नेशनल हाइवे 53 में आरंग से सरईपाली के बीच  होने वाले हादसे के बाद घायलों को प्राथमिक  उपचार समय में नहीं मिल पाता है क्योकि BSCPL कंपनी के पास फस्ट्रेट किट,सभी प्रकार के दवाई युक्त,ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त एम्बुलेंस, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ है ही नहीं, इसलिए लोगो की हादसे के बाद मौत के आंकड़े बढ़ रहे है ! हादसे के बाद अक्सर पुलिस ही घायलों का सहयोग करते हुए अपनी गाडी से हॉस्पिटल तक पहुँचती है जबकि ये पूरा काम  टोल लेने वाले BSCPL कंपनी का है !  एग्रीमेंट अनुसार।

 

डेढ़ साल पहले सराईपाली के आगे आर टी ओ बेरियर आसपास एक्सीडेंट हुआ था इसमें 6 लोग घायल हुए थे एक्सीडेंट के बाद BSCPL का एबुलेंस नहीं पंहुचा। पुलिस ने घायलो को अस्पताल पहुंचाया! 

नेशनल हाइवे में बड़ी गाडी के एक्सीडेंट के बाद सड़क से एक्सीडेंटल गाडी को हटाने और सड़क को क्लियर करने के लिए प्रत्येक टोल प्लाजा में 30000 किलोग्राम [ 30 टन ] का क्रेन होना चाहिए ताकि एक्सीडेंट हुए लोड गाड़ियों को सड़क से किनारे किया जाए लेकिन BSCPL कंपनी के ढांक टोल और सराईपाली टोल दोनों टोल प्लाजा में एक भी 30000 किलोग्राम [30 टन ] का क्रेन नहीं है, ढांक टोल में लगभग 12 टन का एक क्रेन है वही छुहीपाली टोल में क्रेन है ही नहीं ! [ जबकि अग्रीमेंट में प्रत्येक टोल में एक 30 टन का क्रेन रखने की बात रखी गयी है] साथ ही एक्सीडेंट होने वाले गाडी मालिक से उसके गाडी उठाने के लिए किसी प्रकार का पैसा नहीं लिया जाना है क्योकि इस काम का पैसा टोल टैक्स में ही जुड़ा हुआ रहता है लेकिन BSCPLकंपनी द्वारा एक्सीडेंटल गाड़ियों से भी गाडी उठाने के लिए पैसा लिए जाने की शिकायत सुनने को मिलता रहता है !

कुछ साल पहले पटेवा और पिथौरा के बीच टाइल्स से भरी गाडी पलट गयी थी गाडी दो दिन तक सड़क में ही पड़ी रही बाद में  BSCPL कंपनी के द्वारा एक्सीडेंटल गाडी उठवाया गया और गाडी मालिक से पैसा लिया गया, गाडी मालिक ने पैसे लेने की बात की पुष्टि की थी !

आरंग से महानदी पूल सहित नेशनल हाइवे 53 मे जितनी भी लाईट लगी है उसका मेन्टेन्स भी  BSCPLकंपनी द्वारा करना है लेकिन लाइट कई दिनों तक बंद रहती है महानदी पुल का लाइट अक्सर बंद रहता है ,कभी दो चार लाईट  ही जलती है पुल पर अंधरे होने से एक्सीडेंट की संभावना बनी रहती है गाडी चालक को भी आने जाने में परेशानी होती है ! पैसे बचाने के चक्कर में मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है! कई महीनो से कई लाइट बंद है प्रत्येक फोटो मे फ़ोटो खिंचे जाने  का दिनांक और टाइम भी है पहला फाटो 25 जुलाई 2022 का है दूसरा फ़ोटो 8 अगस्त 2022 का है तीसरा फ़ोटो 27 जनवरी 2023 का है। अब अंदाज लगाइए 6 माह तक लाइट की स्थिति वैसे ही है। 

 

नेशनल हाइवे में आने जाने वाले लोगो के लिए कई साफ़ सुथरा टॉयलेट की व्यवस्था करना होता है साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था करना होता है लेकिन आरंग से सराईपाली के रहटीखोल तक कई टॉयलेट तो बने है लेकिन उन टॉयलेट में कोई साफ सफाई नहीं है टॉयलेट इतना गन्दा रहता है की आदमी अंदर घुसतक नहीं सकता जबकि साफ सफाई के लिए अलग अलग टर्न में सफाईकर्मी रखना होता है ! इसमें भी पैसा बचाने के लिए साफ सफाई सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है ! 

 

नेशनल हाइवे में इमरजेंसी काल के लिए पिले रंग का SOS लिखा हुआ का टेलीफोन लगा होता है जिसमे तुरंत टोल प्लाजा के कंट्रोल रूम में इमरजेंसी होने पर बात किया जाता है और तुरंत मदद माँगा जाता है ! आरंग से सरायपाली तक लगे लगभग सभी  SOS  का टेलीफोन खराब है उसमे कोई मेंटनेंसस नहीं है इमरजेंसी में टोल के कंट्रोल रूम से संपर्क ही नहीं हो पाता है !  

 

नेशनल हाइवे मे जब भी रिपेयरिंग के लिए एक साईड के लेन [सड़क ] को बंद किया जाता है उनमे में कई तरीके के फार्मेल्टीस पूरी करनी होती है ताकि इस सड़क पर आने जाने वाले लोग सचेत रहे ! जब भी लेन क्लोज किया जाता है रेड फ्लैग लगाया जाता है स्टॉपर लगाया जाता है स्थानीय पुलिस थाना को भी सूचित करते है,  पेट्रोलिंग की गाडी मौके पर होनी चाहिए ताकि अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके लेकिन BSCPL कंपनी इन नियमो का सही ठंग से पालन ही नहीं करती है !

अभी हाल में ही 01 फरवरी 2023 को नेशनल हाइवे 53 पर दर्रीपड़ाव से चिरकोपड़ाव तक लगभग डेढ़ किलोमीटर नेशनल हाइवे की सड़क को BSCPL और NHAI द्वारा सरायपाली से रायपुर की ओर जाने वाली, बाए साईड की लेन [ L.H.S. ] को बंद किया गया था जिस पर सड़क निर्माण करने वाली कंपनी BSCPL द्वारा सड़क मरमत किया जा रहा था। दर्रीपड़ाव से चिरकोपड़ाव तक लगभग डेढ़ किलोमीटर की, सरायपली से रायपुर की ओर आने वाले, बाए साईड की लेन [ L.H.S. ] बंद किया गया था, तो सरायपाली से रायपुर की ओर जाने वाली गाड़ियो को, रायपुर से सरायपली जाने वाली लेन दाहिने साइड [R.H.S.] मे डाइवर्ट किया था जिसके वजह से सरयपाली से रायपुर की ओर जाने वाले गाड़ी और रायपुर से सरायपाली जाने वाली गाड़िया दोनों एक ही लेन पर चल रही थी। जिस लेन पर दोनों साइड की गाड़ियां चल रही थी उस लेन का अस्थाई पार्टीशन नही किया गया था। जिस वजह से पता ही नही चला की किसको किधर गाड़ी चलाना है जिस वजह से घटना घटित हुई और त्रिलोचन यादव की एक्सिडेंट मे मौत हो गयी।

BSCPL द्वारा कई बार पेच वर्क के लिए सड़क में मशीन से गड्ढा खोदकर बिना किसी सेफ्टी बेरियर लगाए छोड़ दिया जाता है। और उस लेन में गाड़िया भी चलते रहती है जो दुर्घटना को आमंत्रण देने जैसा है इससे लोग घायल भी होते है और जान भी जा सकती है।

जहा भी टोल प्लाजा है उस टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर एरिया में निवास करने वाले सभी लोगो के गाड़ियों का (नान कर्मशियल गाड़ी) मंथली पास 315 में में बनता है। जिसमे वे एक महीने तक अपनी गाड़ी से टोल से गुजरकर जा सकते है आ सकते है और कोई भी टोल चार्ज नही लगता है। इसके लिए संबंधित टोल कंपनी को प्रचार प्रसार करना होता है।

स्थानीय लोगो का कहना है कि BSCPL कंपनी द्वारा मासिक पास बनवाने संबंधी कोई प्रचार प्रसार नही किया जाता है टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के स्थायी निवासी होने के बाद भी जब भी कार से जाते है और आते है आने जाने दोनो का पैसा देना पड़ता है एक बार जाने का 160 रुपये और आने का 160 रुपये देना पड़ता है। अगर महीने में 10 बार जाए तो 1600 जाने का और 1600 रुपये आने का देना पड़ता है।

जबकि नियम में 315 रुपये का मासिक पास बनाया जाता है। सही प्रचार प्रसार नही होने से लोगो को जानकारी ही नही मिल पा रही है। BSCPL टोल टैक्स रेट बोर्ड में आखरी में ये जानकारी इतने छोटे अक्षरों में लिखा गया है जिसे शायद कई लोग पढ़ भी नही पाते होंगे।

टोल टैक्स हाइवे की अच्छी सड़क और सड़क मिलने वाली इन सारी सुविधाओं के लिए दिया जाता है है लेकिन आरंग से महासमुंद जिले के अंतिम छोर तक सड़क बनाने वाली  BSCPL कंपनी बिना सुविधा के ही जनता के मेहनत की कमाई से टोल टैक्स वसूली रही है।

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