IBN24 Desk: बागबाहरा ( छत्तीसगढ़ )- डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही एक ऐसा चर्चित एवम ख्यातिप्राप्त नाम है जिसके साथ सफलता एवम सम्मान की लंबी फेहरिस्त जुड़ी हुई है । पर्यावरण संरक्षण, ग्लोबल वार्मिंग जलवायु परिवर्तन,संयुक्त राष्ट्र सतत विकाएस लक्ष 17आधारित ग्लोबल कांफ्रेंस , स्वच्छता ,साक्षर भारत , स्वास्थ्य , पोलियो , लेप्रोशी , क्षय रोग निवारण ,रेड क्रॉस सोसायटी , समाजसेवा , स्वच्छ भारत मिशन ,बेटी बचाओ , कोरोना योद्धा,जैव विविधता संरक्षण ,मतदाता जागरूकता सहित अन्य जनकल्याणकारी कार्यों के लिए स्थानीय स्तर , राज्य स्तर ,राष्ट्रीय स्तर एवम अंतराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पुरस्कार एवम राज्यपाल सम्मान प्राप्त हुए हैं ।

खुले में शौच मुक्त भारत बनाने के अभियान में उनके अग्रणी भूमिका ,समर्पण एवम नवाचार से स्वच्छ भारत मिशन द्वारा जहां जिला नवरत्न , स्वच्छता दूत ,स्वच्छता चैंपियन , ओ डी एफ मैन सहित अनेक सम्मान दिए वहीं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात में स्थान मिला ।साथ ही शौचालय बनाने लोगों को प्रेरित करने विश्वनाथ पाणिग्राही के सफलता की कहानी पर शासन द्वारा डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई जिसका प्रदर्शन छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों में किया गया ।
कुछ समय पूर्व ही मलेशिया में इंडो मलेशिया फ्रेंडशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया । इस कड़ी मे एक नया अध्याय जुड़ गया । डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने विश्व में सबसे लंबे समय तक 55 वर्ष एक ही कंपनी की 4 पीढ़ियों के साथ नौकरी करते हुए विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है । गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ । गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई ने यह सम्मान प्रदान किया ।
इस अवसर पर सम्मान प्रदाता गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड मनीष विश्नोई एवम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्थान का ,फर्म चकुभाई घेलाभाई एंड संस ,किशनलाल अमरसीभाई , ,विजयभाई ,भावेशभाई , देवांश भाई का आभार व्यक्त किया । पुलिस बालमित्र रोशना डेविड उड़ान जी एस सोसायटी को सहयोग हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रसन्नता एवम गौरव अनुभव करते हुए डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने कहा कि मैने किशोरावस्था में 16 वर्ष की उम्र में 14 अगस्त 1968 को तेंदूपत्ता व्यापारी चकुभाई घेलाभाई एंड संस फर्म में सर्विस शुरू किया तथा तब से अब तक 55 वर्ष की सर्विस पूरी कर लिया है।तथा 71 वर्ष की आयु पूर्ण कर कठिन परिश्रम ,सेवा समर्पण ,निष्ठा एवम ईमानदारी के साथ आज चौथी पीढ़ी के साथ भी कार्य कर रहा हूं । इसी कीर्तिमान
के लिए मुझे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में यह विश्व सम्मान मिला है । इस उपलब्धि के लिए डॉ पाणिग्राही को मित्रों ,शुभचिंतकों एवम विभिन्न समाजों से समाज जनों ने बधाई एवम शुभकामनाएं दी है ।
